भ्रष्टाचार का सागर कभी तो बह ही जाता है कहने को कहाँ कुछ शेष अब रह ही जाता है मरता है कोई तो उनको उससे हर्ज ही क्या है बना हो रेत का लिन्टर वो तो ढह ही जाता है #गाज़ियाबाद प्रकरण ©Somit Kumar Yadav गाज़ियाबाद #window