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ये काग़ज़ की कश्ती थी जो डूब गयी तुम्हारी ये सागर

ये काग़ज़ की कश्ती थी जो डूब गयी तुम्हारी 
ये सागर मेरा है जिसमें तर गयी मैं 
ये कैसा अनोखा बंधन है
जहाँ सिर्फ़ प्यार मुझे है,
परेशान कर गयी तुम्हारी ये धड़कनें 
और इस रिश्ते में भी
मानो
मर कर जी गयी मैं। 

तुम रखते हो दिल को बाँध कर 
एहसास से कुड़ती धड़कनें क्यों रोक देते हो? 
तुम रखते हो आँसुओं को कैद कर 
खुशी से झपकती पलकें क्यों धीमी कर देते हो?

बढ़ने दो धड़कनें, 
बढ़ने दो आंसुओं की रफ्तार,
जहाँ तुम नहीं वहाँ कैसे चलेगा मेरा संसार?
अब मुझसे ज़्यादा प्यार तुम्हें है, 
मुझसे ज़्यादा एतबार तुम्हें है, 
एक साथ दो धड़कन चलती मुझ में,
दोनों की रफ्तार तुझसे है, 
मगर न अब एतबार मुझे है,
झूठ और मक्कारी से,
घृणा बे पनाह मुझे है।

नीना झा 
#संजोगिनी

©Neena Jha
  #tootadil #Neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी

जय माँ ज्ञानदात्री 🙏
विषय... एतबार

ये काग़ज़ की कश्ती थी जो डूब गयी तुम्हारी 
ये सागर मेरा है जिसमें तर गयी मैं 
ये कैसा अनोखा बंधन है
neenagupta7614

Neena Jha

New Creator

#tootadil #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ ज्ञानदात्री 🙏 विषय... एतबार ये काग़ज़ की कश्ती थी जो डूब गयी तुम्हारी ये सागर मेरा है जिसमें तर गयी मैं ये कैसा अनोखा बंधन है #ज़िन्दगी

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