मै नाकाम आशिक था मुझे फिर भी ताली चाहिए, मै नाम का भूखा हूँ,मुझे शोहरत भी सवाली चाहिए । मै मर्द हूँ,युंह तो लड जाऊंगा जमानों से, पर जब आऊं घर पे उधडा हुआ, तो मुझे सिने वाली एक घरवाली चाहिए , हर दिन होली है मानो, हर रंग बदलते चहरो को हर दिन मुस्कान से रंगना पडता है, अब फूंटना है मुझे जमानों के आगे, इस शहर को अब एक दिवाली चाहिए ।। #vedna #yqbaba #yqdidi #mard #hindi #gazal #shayari #mardkobhidardhotahai