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# "सुख-दुख का तेरा साथी था रे मान | English Poetry

"सुख-दुख का तेरा साथी था रे मानव! मैं पेड़ था कभी हरा-भरा,
फल, फूल, औषधि और न जाने कितनी चीजों के साथ, मैं पेड़, तुझे छाँव भी देता रहा,
जीवन तेरा मुझसे चलता तू मुझे बस पेड़ समझकर काटता रहा,
पेड़ था फिर भी सोचा मैंने चल तेरी ज़रूरत है पर तेरा लालच बढ़ता गया,
तू मेरी भावनाओं से खेलता रहा,
मुझ पेड़ की आह प्रकृति ने सुनकर अपना प्रकोप दिखाया जब मैं मन ही मन में रोता रहा, 
अच्छा है पर्यावरण बचाओ अधिक से अधिक पेड़ लगाओ का शोर अब तू मचा रहा पर जब बहुत कुछ अपना खोता रहा।"
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

Bronze Star
New Creator
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"सुख-दुख का तेरा साथी था रे मानव! मैं पेड़ था कभी हरा-भरा, फल, फूल, औषधि और न जाने कितनी चीजों के साथ, मैं पेड़, तुझे छाँव भी देता रहा, जीवन तेरा मुझसे चलता तू मुझे बस पेड़ समझकर काटता रहा, पेड़ था फिर भी सोचा मैंने चल तेरी ज़रूरत है पर तेरा लालच बढ़ता गया, तू मेरी भावनाओं से खेलता रहा, मुझ पेड़ की आह प्रकृति ने सुनकर अपना प्रकोप दिखाया जब मैं मन ही मन में रोता रहा, अच्छा है पर्यावरण बचाओ अधिक से अधिक पेड़ लगाओ का शोर अब तू मचा रहा पर जब बहुत कुछ अपना खोता रहा।" #Poetry #विश्व_पर्यावरण_दिवस #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal

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