जिनकी तस्वीर दिल से लगाया हुआ हूँ उन्हीं मोहतरम का सताया हुआ हूँ वो जो ठुकरा मुझको गई और ठिकाने मैं आपना ठिकाना भुलाया हुआ हूँ ये जो लगड़ा के चलता हूँ न है मर्ज़ कोई जख़्म उनका हृदय से लगाया हुआ हूँ अब न ताकत बची की नया रिश्ता बनाऊँ इस कदर चोट सीने पे खाया हुआ हूँ जिसके होने से होता है "बाबू" मुकम्मल तथ्य वही जिंदगी का बिसराया हुआ हूँ #nojoto#gazall