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वफ़ा "बाज़ार" में नहीं मिलती, रिश्तों को "निभाना"

 वफ़ा "बाज़ार" में नहीं मिलती,
रिश्तों को "निभाना" पड़ता है।

इश्क़ जब "दस्तक़" दे सावधान रहो,
भारी "क़ीमत" चुकाना पड़ता है।

#शुभसँध्या 
#बज़्म_ए_इख़लास
 वफ़ा "बाज़ार" में नहीं मिलती,
रिश्तों को "निभाना" पड़ता है।

इश्क़ जब "दस्तक़" दे सावधान रहो,
भारी "क़ीमत" चुकाना पड़ता है।

#शुभसँध्या 
#बज़्म_ए_इख़लास
jitendra7777570

#Jitendra777

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