जी करता है तेरे लिए लिख दूँ दिल की किताब खोल के रख दूँ ... लिख दूँ कि, तू है तो मुझमे हंसी है लिख दूँ की दुनिया ,ये तुझमें बसी है बसती हवाओं में तेरी नमी है, बहारों में तेरी ही ख़ुशबू बसी है । लिख दूँ के तू शाम, तू ही सुबह है । फ़िज़ाओं में बस तू ही तू ही है .. ये लिख दूँ .. जी करता है तेरे लिए लिख दूँ .... :-$rmili:-