*कुछ बेहिसाब जीना भी अच्छा है*- आनंद दाधीच की एक ताजा रचना ---------- कुछ हफ्ते खाली गुजार लेना भी अच्छा है, कुछ सस्ती चीजे खरीद लेना भी अच्छा है, यहाँ हर हस्ती का निशान मिटता ही है, कभी कुछ अपनी सुध ले लेना भी अच्छा है। ---------- चाहतों का अंबर इस अंबर से भी बड़ा है, मन अभिलाषाओं से समर करने खड़ा है, जीवन सिर्फ जीत जयकार के लिए नहीं है, कभी कुछ जीतकर हार जाना भी अच्छा है। ---------- सबका काम हर शाम बाकी ही रहता है, कौन हमें मर-मर कर करने को कहता है, हर काम काल के बाँध से जकड़ा हुआ है, बिना थके ही कुछ सुस्ता लेना भी अच्छा है। ---------- कुछ बीती बाते याद करना भी अच्छा है, गुजरे मुकाम दोहरा लेना भी अच्छा है, जिंदगी ने तो कभी हिसाब नही मांगा है, 'आनंद' कुछ बेहिसाब जीना भी अच्छा है। ©Anand Dadhich #बेहिसाबजीना #kaviananddadhich #poetananddadhich #indianwriters #poetsofindia #poetsof2022 #hindi_poetry