Nojoto: Largest Storytelling Platform

समाज ।। चीरहरण की सभा में, थे कुछ मर्द बेहया से,

 समाज  ।।
चीरहरण की सभा में,
थे कुछ मर्द बेहया से,
चुप था जो उस दिन समाज,
खबर पढ पूछ रहा है आज,
कोई आता क्यों नहीं बचाने,
मर्द कोई पौरुष धर्म निभाने,
फेर लेते नजर छेड छाड़ पे,
अखबारों में ढूंढते, छांटते
खबरों में अफसोस के बहाने,
वो फिर कैसे आएंगे बचाने?
कपड़ों के कद से,
रखा है सब ज़द में,
तय करेगा कैसे चलें,
कैसे रहें सब हद में,
इतना ख्याल रखता है,
कितने सवाल रखता है,
फिर दर्द में कहाँ छुप जाता है,
जो खुशियों में पहरा लगाता है,
चुप है जो आज भी समाज,
पूछ रहा हूँ फिर उससे आज...।। #yqdidi #hindi #poetry #society
 समाज  ।।
चीरहरण की सभा में,
थे कुछ मर्द बेहया से,
चुप था जो उस दिन समाज,
खबर पढ पूछ रहा है आज,
कोई आता क्यों नहीं बचाने,
मर्द कोई पौरुष धर्म निभाने,
फेर लेते नजर छेड छाड़ पे,
अखबारों में ढूंढते, छांटते
खबरों में अफसोस के बहाने,
वो फिर कैसे आएंगे बचाने?
कपड़ों के कद से,
रखा है सब ज़द में,
तय करेगा कैसे चलें,
कैसे रहें सब हद में,
इतना ख्याल रखता है,
कितने सवाल रखता है,
फिर दर्द में कहाँ छुप जाता है,
जो खुशियों में पहरा लगाता है,
चुप है जो आज भी समाज,
पूछ रहा हूँ फिर उससे आज...।। #yqdidi #hindi #poetry #society
namitraturi9359

Namit Raturi

New Creator