न कभी बोल सकी न कह सकी, क्यो आखिर यहाँ आकर रुकी, मन से मन के उभरे प्रतिद्वंद्व है, आज खुद से खुद का द्वंद्व है, बेगानी ही सही थी दुनिया से, खुश थी बहुत ख़ुद के जहाँ से, मस्त वो है जिसका न कोई सम्बंध है, मौज करो किसने लगाया प्रतिबंध है? 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌸कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌸 आप सभी दिए गए विषय पर 6 - 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌸पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।