"धूल भरे रस्तों पर चलकर" निष्कलंक तु कहाँ कुछ पाएगा, दहशत से तु जब तक न भर जाएगा, विलाप कर फिर तु ख़ुद को समझाएगा, अभिलाषाओं को अपनी उत्कंठा से मिलवाएगा, पराक्रम से तब तेरे हर बुजदिल डर जाएगा, उमंग, उल्लास, उछाह से तु जीना सिखाएगा, आदर, निष्ठा, सम्मान का तु प्रतीक बन जाएगा, छल, छ्द्म, प्रपंच से तब खुद को घिरा पाएगा, अपमान होगा तेरा, बेइज्जत भी तुझे किया जाएगा, खौफ में तब तु आना मत, संकल्प तेरा भूल जाना मत, शंखनाद करना तु, न एक पल को डरना तु, विस्मय में पड़ जाएंगे वो जब तुझे प्रसन्न पाएंगे वो, प्यार, स्नेह, दुलार से न कि कटाक्ष के वार से, जुगुप्सा, घमंड, दंभ को तु उनकी जीत लेना, उदराग्नि को तु अपनी, कभी न मिटने देना, किचड़ में तू तभी तो कमल खिलाएगा, तु ही रवि तु ही सुधा, तु ही जमीं का आसमां बन जाएगा, "धूल भरे रस्तों पर चलकर" ही तो तु ज़िन्दगी को समझ पाएगा|| राहें मुश्किल न हो तो ज़िन्दगी का मज़ा नहीं आता और ज़िन्दगी के असली मक़सद को पाया भी नहीं जाता.. #धूलभरेरास्ते #yqdidi #vineetvicky #junespirits #हिंदीकविता #ufvoices #ज़िन्दगी