हे कान्हा तुम तों इस सृष्टि के पालनहार हो तुम से तों कुछ भी नहीं छुपा क्योंकि ज़िन्दगी का आरम्भ भी तुम हो और ज़िन्दगी का अंत भी तुम हो आज लोग इस जहरीली हवा को अपनी मौत का दोष दे रहे है पर वही लोग यें क्यों भूल गए की चलो यें जहर तों सबके सामने है पर उस जहर का क्या जो उनके अंदर है जिस जहर से उन्होंने सिर्फ लोगो को डसा ही है फिर क्यों कान्हा आज वो अपनी ज़िन्दगी की दुहाई मांग रहे क्यों आखिर क्यों ©Sweta Saini #इंसानियत_भूलता_इंसान