किस मूँह से कहूँ कि अब मैं तुमसे थक चूका हूँ, इन झूठी नसिहतो और वादो तले दब चूका हूँ, नज़दीकियाँ जो थी हम दोनों के दर्मियाँ, अब उन्हें फ़ासलों में तब्दील कर चूका हूँ।। ©Himanshu Jain #Enough # # # # #बेबाक कन्नौज