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बचपन और उम्मीद छोटा सा बचपन बड़ी बड़ी उम्मीदें।

बचपन और उम्मीद  छोटा सा बचपन 

बड़ी बड़ी उम्मीदें।

बस एक छोटा सा सपना की जल्दी हों बड़े

बड़ी बड़ी बातों के छोटे_छोटे सपने ।

पैसे कम, पर थीं खुशियां बड़ी बड़ी

मम्मी की झप्पी थी तब कोई जदुर की छड़ी

बड़ी बड़ी चोटों की दवाई थी जड़ी (जड़ी बूटी)

सपनों की चादर वो जानें आज कहां पड़ी।

दुनिया किताबों में सिमटी मगर ज्ञान आज नहीं है

रोज़ मंदिर जाते है मगर इंसान आज नहीं है।

क्यों खो गया वो बचपन,वो दोस्तों की साथ में झड़ी

आंखों में हैं आंसू ,वो मस्ती जानें कहां पड़ी।

__pratibha's writting बचपन और उम्मीदें
#nojoto
#nojoto हिंदी
#nojoto poem#shyri
#ahsas
 🙂🙂🙂❤❤
💃💃💃✍✍✍✍
बचपन और उम्मीद  छोटा सा बचपन 

बड़ी बड़ी उम्मीदें।

बस एक छोटा सा सपना की जल्दी हों बड़े

बड़ी बड़ी बातों के छोटे_छोटे सपने ।

पैसे कम, पर थीं खुशियां बड़ी बड़ी

मम्मी की झप्पी थी तब कोई जदुर की छड़ी

बड़ी बड़ी चोटों की दवाई थी जड़ी (जड़ी बूटी)

सपनों की चादर वो जानें आज कहां पड़ी।

दुनिया किताबों में सिमटी मगर ज्ञान आज नहीं है

रोज़ मंदिर जाते है मगर इंसान आज नहीं है।

क्यों खो गया वो बचपन,वो दोस्तों की साथ में झड़ी

आंखों में हैं आंसू ,वो मस्ती जानें कहां पड़ी।

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