तुम्हें कोई नहीं है कमी बस खुद में रखो थोड़ी सी नमी क्योंकि जब गुस्सा आता है तो यह किसी का दिल तोड़ जाता है दिल तो आजकल खेल है और जिसका टूटता है उसके लिए जेल है और तुमने तो कहने में सब कुछ छोड़ दिया यह तो ठीक है हमें हमारे संस्कारों ने रोक लिया ©Vishnu Purohit #of