जैसे ताज के इर्द गिर्द वो चार मिनार बैठे हैं। वैसे मेरे पंखभी सदियों से बेरोजगार बैठे हैं। आसमाँ बन कर फिर आओगे तुमने कहा था। तुम्हारे उस वादे पर आज तक रख के इकरार बैठे हैं। तेरी मोहब्बत के सिवा कुछ और आता भी ना था। होकर नाकाम तेरी मोहब्बत में अब बेकार बैठे हैं। तेरा इश्क़ जीतकर खुद को सिकंदर समझ रहा था। तुझे खो कर, युधिष्ठर जैसे सब कुछ हार बैठे है। #feather #Love #urdu #Poetry #Pain #Shayari #shayarilove #bebasalfaaz