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वह (माँ) कह रही है मास्क लगा लो घर पर ही रहो कहीं

वह (माँ) कह रही है मास्क लगा लो
घर पर ही रहो कहीं मत जाओ
वातावरण जहरीला हो गया है
यह मुआ कोरोना वायरस घूम रहा है 
ना जाने कब किस के चिपक जाए

वह (धरती माँ) कह रही है डैने फैलाओ 
उठो,  उड़ो, घूमों, नाचों, गाओं 
तुम सब स्वच्छंद हो ।
जिसने तुम्हें पिंजरे में रखा 
आज वह खुद पिंजरे में बंद है । 
तुम खुशियां मनाओ क्योंकि 
वातावरण साफ है, स्वच्छ है l  वह (माँ) कह रही है मास्क लगा लो
घर पर ही रहो कहीं मत जाओ
वातावरण जहरीला हो गया है
यह मुआ कोरोना वायरस घूम रहा है 
ना जाने कब किस के चिपक जाए

वह (धरती माँ) कह रही है डैने फैलाओ 
उठो,  उड़ो, घूमों, नाचों, गाओं
वह (माँ) कह रही है मास्क लगा लो
घर पर ही रहो कहीं मत जाओ
वातावरण जहरीला हो गया है
यह मुआ कोरोना वायरस घूम रहा है 
ना जाने कब किस के चिपक जाए

वह (धरती माँ) कह रही है डैने फैलाओ 
उठो,  उड़ो, घूमों, नाचों, गाओं 
तुम सब स्वच्छंद हो ।
जिसने तुम्हें पिंजरे में रखा 
आज वह खुद पिंजरे में बंद है । 
तुम खुशियां मनाओ क्योंकि 
वातावरण साफ है, स्वच्छ है l  वह (माँ) कह रही है मास्क लगा लो
घर पर ही रहो कहीं मत जाओ
वातावरण जहरीला हो गया है
यह मुआ कोरोना वायरस घूम रहा है 
ना जाने कब किस के चिपक जाए

वह (धरती माँ) कह रही है डैने फैलाओ 
उठो,  उड़ो, घूमों, नाचों, गाओं