Miss You Quotes अंगीठी की बाजुओं में बेठा हर शख्स नाराज है गुमशुदा क्यू हो रही बस्ती की आवाज है खैर जमा के दिलों पर नफरतों की परते सबको अपने-अपने उसूलों पर नाज है यहाँ निभाने किसे है रिश्तें बस सब जताते है दिलों में नफरतों का अंगार लेकर बस ऊपर से मुस्कुराते है कुछ अपनों ने तो नजाने क्यू कभी न मिलने की कसम खा रखी है मिलकर भी खुद को अनजान जताते है #भारद्वाज पुष्कर rishte kuch rishte