मैंने तो पहले कहा था कि मैं....ख़ैर छोड़िए जनाब...अकेले हैं तो..वैसे परवाह तो आज भी...अब देखों ना..ये आँसू..पहले ज़बां को रोकते थे...अब शब्दों..को भी..रोकने..लगे हैं!! ©Lawyer Bhati new shayri pattern..new trend #Hopeless