न सोए हम जागे रहे एतवार में- तुम नहीं आए ये धोखा है प्यार में। हम जानते हैं तेरे दिवाने हैं बहुत- हमें भी शुमार कर अपने यार में। अरे ओ चाँद से मोहब्बत करने वालो। दिल के कोने से उसे बाहर निकालो। बेक़रार है दिल आँखों को दीद होने दो। महीने भर से इंतज़ार है अब ईद होने दो। नूर-ए-ख़ुदाई में डूब कर हों मन्नत पूरी । ख़त्म हो दर्द ख़ुशी मिले सुकूँ हो संसार में। ♥️ Challenge-567 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।