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मन ने पूछा मुझे *गीता* क्यूं समझ नही आती? मन

मन ने पूछा
मुझे *गीता* क्यूं समझ नही आती?
     मन ने बुद्धि से पूछा,
मुझे *गीता* समझ क्यूं आती?
बुद्धि ने अंतर्मन को ये प्रश्न दोहराया,
*अन्तर्मन* से उत्तर आया....
तुम्हारा जीवन क्रम उल्टा है...
क्रम जीवन का ....ये होना चाहिए,
इंद्रियां ...मन के अनुकूल चलें,
मन....बुद्धि की बात सुने,
मन ने पूछा
मुझे *गीता* क्यूं समझ नही आती?
     मन ने बुद्धि से पूछा,
मुझे *गीता* समझ क्यूं आती?
बुद्धि ने अंतर्मन को ये प्रश्न दोहराया,
*अन्तर्मन* से उत्तर आया....
तुम्हारा जीवन क्रम उल्टा है...
क्रम जीवन का ....ये होना चाहिए,
इंद्रियां ...मन के अनुकूल चलें,
मन....बुद्धि की बात सुने,