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पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है मुझसे नाराज र


पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
मुझसे नाराज रहने वाली आँखे अब प्यार बरसाती है।
शायद मेरे कल को लेकर उनकी खुशी दोगनी हो गयी है
ना जाने क्यो जलज हमारे दरमियाँ दूरिया बढ गयी है
शायद मेरी समझ पापा की समझ से अलग हो गई है।
बचपन में वो जब पापा मुझे कन्धे पर बैठाकर मेला दिखाने ले जाते थे
मेरे कहने पर मुझे आइसक्रीम दिलवाते थे
शायद वो यादे अब पुरानी हो गई है
पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
बचपन में जब कहीं जाता
तो लोग पूछते थे किसके लडके हो
पर अब कही जाता तो 
कोई ये सवाल नही पूछता
शायद लोगो के बीच मेरी पहिचान हो गयी है
अब पीछे मुडने पर देखता हूँ कि 
मेरे पीछे पापा के पैरो के निशान नही है
शायद मेरी यादे पुरानी हो गयी है
पापा की वो पहली वाली मुस्कान कही खो गयी है
पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
.......... #जलज_कुमार®
 #papa_ki_awaj_by_jalaj_rathour

पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
मुझसे नाराज रहने वाली आँखे अब प्यार बरसाती है।
शायद मेरे कल को लेकर उनकी खुशी दोगनी हो गयी है
ना जाने क्यो जलज हमारे दरमियाँ दूरिया बढ गयी है
शायद मेरी समझ पापा की समझ से अलग हो गई है।
बचपन में वो जब पापा मुझे कन्धे पर बैठाकर मेला दिखाने ले जाते थे
मेरे कहने पर मुझे आइसक्रीम दिलवाते थे
शायद वो यादे अब पुरानी हो गई है
पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
बचपन में जब कहीं जाता
तो लोग पूछते थे किसके लडके हो
पर अब कही जाता तो 
कोई ये सवाल नही पूछता
शायद लोगो के बीच मेरी पहिचान हो गयी है
अब पीछे मुडने पर देखता हूँ कि 
मेरे पीछे पापा के पैरो के निशान नही है
शायद मेरी यादे पुरानी हो गयी है
पापा की वो पहली वाली मुस्कान कही खो गयी है
पापा की वो आवाज अब धुधँली हो गयी है
.......... #जलज_कुमार®
 #papa_ki_awaj_by_jalaj_rathour