माथे का पल्लू पार्ट - 5 #माथे का पल्लू पार्ट - 5 माथे का पल्लू पार्ट - 5 इक शाम मुझे सुशांत ने बातो ही बातो में कह दिया की वो मेरे साथ आगे बढ़ना चाहते है वो मुझे चाहते है,मैंकुछ कह नही पैऔर सुशांत वहाँ से चले गए तन्हा बैठी राज और अपने बारे में सोच रही थी,उस प्यार को सोच रही थी जो झूठा था,झूठे वादे झूठी कसमे,सब झूठ जिसने बर्बाद कर दिया मुझे...!! आख़िरकार मैंने आज इक फैसला ले ही लिया राज की यादों से दूर जाने का फैसला,मूव ऑन करने का फैसला...मैं उठी और अपने बैग से वो रिंग निकाल लाई और उसी रात मंदिर वाले तालाब में उस रिंग के साथ अपनी यादों और अपने अतीत को बहा आई..!! उस रात सुशांत मुझसे नही मिले,,सुबह हमे निकलना था वापस घर के लिए,सुबह हुई और जब हम एकदूसरे से मिले तो उनकी आँखों में जाने क्यों मैं आज कुछ पढ़ नही पाई,मैं उदास होकर कार में बैठ गयी बिना कुछ कहे,और वो ड्राइव करते रहे,इस दौरान हमारे बीच कोई बात नही हुई,कुछ देर बाद मैंने नोटिस किया कि गाड़ी दाएं मुड़ते हुए रथयात्रा चौराहे से होकर वही दुर्गाकुंड मंदिर के पीछे वाले तालाब पर रुकी,,उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और तालाब के किनारे ले गए,,मैं कुछ समझ नही पाई तभी उन्होंने अपनी जेब से रिंग निकाला और घुटने पर बैठ के बोले..."riya i love you,,,you will love me... क्या हम अपनी नई लाइफ एक साथ सुरु कर सकते है...उनके इस सवाल का जवाब मेरे आंसुओ ने दे दिया और मैं बस उनसे लिपट गयी..!!!