वो रोज़ सौदा करती थी अपने जिस्म का बच्चों को भूख से तड़पता जब वो देखा करती थी ममता से भरी माँ को कब वक़्त ने वेश्या बना दिया सौदा वो जिस्म का नही ज़ख्मो का किया करती थी फिर भी वो बच्चों से गले हँस कर मिला करती थी ज़ख़्म अक्सर वो अपने आँचल से ढक लिया करती थी ©Sumi ps@gmail.com #souda#2jun#sexworkerday