इस कर्ज से मे रोज डूबा जाता हूँ. मेरी ख़ातिर इक शख्स बेसवरी से दुआये पडता हैं! हादसा हो गया हूँ मैं गुजरे जमाने जैसा. और वो आज भी मेरे होने की ख़्वाहिश रखता हैं !!! unpublished