तन्हाई उसका भी भाग्य नहीं खोटा, जिसको न प्रेम-प्रतिदान मिला छू सका नहीं, पर, इन्द्रधनुष शोभित तो उसके उर में है। #राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर #पद्य #श्रंगार #रामधारी_सिंह_दिनकर #राष्ट्रकवि #हिन्दी_जगत