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अपने पराये का भेद Diary 06.10.2005 अपने पराये का

अपने पराये का भेद Diary 06.10.2005

अपने पराये का भेद

सुकून मिलता था कभी अपनों को देख कर,
मग़र वो हम से नज़रें फेर लेते हैं,
सुकून मिलता है आज भी उन्हें देख कर,
मग़र वो हमें ग़लत समझ लेते हैं।
अपने पराये का भेद Diary 06.10.2005

अपने पराये का भेद

सुकून मिलता था कभी अपनों को देख कर,
मग़र वो हम से नज़रें फेर लेते हैं,
सुकून मिलता है आज भी उन्हें देख कर,
मग़र वो हमें ग़लत समझ लेते हैं।
juhigrover8717

Juhi Grover

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