यहां ज़मीन तो क्या पत्थर भी बिक जाते हैं। नाजायज़ मोहब्बत करने वाले, एक नही सत्तर दिख जाते है। मानो इस ज़िन्दगी को जैसे , बेआबरू होकर किश्ते अदा करती हूं। उस एक पल में रुह को जिस्म से जुदा करती हूं। मिल जाये कोई अपना , दुआ हर रोज़ किया करती हूं। में आज भी एक पल में , कई मौते मरा करती हूं। #humantraficking