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सोच कागज की नाव है, जो चलती लहरों के ऊपर है, जिसकी

सोच कागज की नाव है, जो चलती लहरों के ऊपर है, जिसकी पतवार हमारे पास है, जिधर भी चाहे उधर ले जाए आसान नहीं पतवार पकड़ना बचाकर रखना पड़ता है, नाव को नकारात्मक रूप छेद से वरना, डुबो देता है, बनाई हुई संसार रूपी को पानी में, जो हमें नदी के पानी और सांसो की लहरी यही जीवन की नैया है।

©Suneel Dhurvey #boat
सोच कागज की नाव है, जो चलती लहरों के ऊपर है, जिसकी पतवार हमारे पास है, जिधर भी चाहे उधर ले जाए आसान नहीं पतवार पकड़ना बचाकर रखना पड़ता है, नाव को नकारात्मक रूप छेद से वरना, डुबो देता है, बनाई हुई संसार रूपी को पानी में, जो हमें नदी के पानी और सांसो की लहरी यही जीवन की नैया है।

©Suneel Dhurvey #boat