आस्तिकता व नास्तिकता के बीच, "तुम और मैं" तुम्हारा ये नास्तिक होना, कदापि गलत नहीं है... जानाँ ! जो इंसान जानना चाहता है इस संसार की हकीकत को, जो खुद से तलाशना चाहता है उस विधाता को, इस जीवन की सच्चाई को... जो आसानी से विश्वास नहीं कर पाता, लोगों