धूप अउरी छांव के एहसास बाङू तू, बइसाख के गरमी के पियास बाङू तू। हरदम तहरा के छांव के जईसे ढूंढ़ेनी, चलत रहिया में फलङा के ठांव बाङू तू। इहां त चारूओर बरबादी के मंजर बा, बड़ा खुश होखऽबू, काहेकि गांव बाङू तू। #चमन_देहाती✍ ©Puranjay Kumar Gupta #YouNme