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रह रह कर कसक सी उठती है पुर-सुकूँ मिले,वो इंतज़ार

रह रह कर कसक सी उठती है 
पुर-सुकूँ मिले,वो इंतज़ार बाकी है।
                 
तू मेरा यकीन कर ना कर 
तेरी दीद को दिल बे-करार काफी है।

सुरमे से भरे हैं आंखों में संदूक मैने     
आ लौट आ अभी बहार बाकी है।
                  
कौन मोर रह लेगा तन्हा इस सावन 
मोहब्बत में खुशरंग शिकार बाकी है।  तू फिर गाए, मैं फिर चहकूं इस बन में 
दिल को आ जाए करार वो यादगार बाकी है ❤️
.
#intezar #mohabbat #karaar #yqdidi #shayari
रह रह कर कसक सी उठती है 
पुर-सुकूँ मिले,वो इंतज़ार बाकी है।
                 
तू मेरा यकीन कर ना कर 
तेरी दीद को दिल बे-करार काफी है।

सुरमे से भरे हैं आंखों में संदूक मैने     
आ लौट आ अभी बहार बाकी है।
                  
कौन मोर रह लेगा तन्हा इस सावन 
मोहब्बत में खुशरंग शिकार बाकी है।  तू फिर गाए, मैं फिर चहकूं इस बन में 
दिल को आ जाए करार वो यादगार बाकी है ❤️
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