वो सोच रहे थे प्यार में पहल कौन करे, बेवजह बढ़ रही मुश्किलें हल कौन करे।। तुम भी ख़ामोश थे हम भी ख़ामोश थे, अहल-ए-दिल की बातें अमल कौन करे।। हर्फ़ लब-ओ-आंखें, मिसरे तासीर-ए-ज़ुल्फ़ाॅं, बहर में हुस्न ना मिले तो ग़ज़ल कौन करे।। अजब है हालात-ए-हिज्राॅं की जानिब, दिल भर जाए इश्क़ मुक्कमल कौन करे।। बेमिसाल है उल्फ़त-ए-शाहज़ाॅं 'भरत' मुमताज़ ही नहीं तो ताजमहल कौन करे।। ©अधूरा इंसान *अहल-ए-दिल = loving heart *तासीर-ए-ज़ुल्फ़ाॅं = बालों का प्रभाव *हालात-ए-हिज्राॅं = विरह स्थिति *जानिब = दिशा, ओर *उल्फ़त-ए-शाहज़ाॅं = शाहजहां की मोहब्बत #lovetaj #Love #अधूरा_इंसान #bharat_rawalwas