प्यार तो अभी भी था पर शायद पाने की चाहत नही... वक्त तो अभी भी था, पर अब वो बिजली सी आहट नही। तेज हवा क्या चलती तबख्त लगता दूर तुम नही... माना वो निगाहे खुला मैखाना थी पर अब चार पेग की तो भनक तक नही आयने ने तेरी कद्र बहुत बढाई थी पर लायक उसके आधी तक नही थी आयने वाली गलती मेने भी की थी इतनी तारीफ शायद जायज नही थी.. सही कहा था टपरी वाले भैया ने चीजें गलत जगह मत रखो टूटेगा आज तो गिलास टूटा है कल को प्यार लूटेगा... मुद्दतों बाद शायद फिर संभला हु में तेरे दिए हर जख्मो को भूल कर अब आगे बढा हु में। आसमानी अभिमान को धरा पे ला पटका हु अब हौसले बुलंद है और कामियाबी छू रहा हु में... बेखौफ जीना सीख गया हु, आसमान में उड़ना सिख गया हु अरे तेरी असर तो देख पगली ज़िन्दगी जीना सिख गया हु... #pyaar#love#poetry#nojoto#ikun_g