ये दुनिया ही है जो जीने नही देती ये दुनिया ही है जो मारने नही देती यूँ तो कोई और तरीका ढूंढ लूँ मैं गम भुलाने का पर ये दुनिया है जो मुझे पीने नही देती। हालात क्या हैं मेरे मैं ही जानता हूँ न किसी से यहाँ मैं सम्मान माँगता हूँ चाहता हूँ बस कुछ अकेलापन और अपने आप का साथ पर ये दुनिया है जो ऐसा होने नही देती। सब को चाहिए मेरे हालतों का ब्योरा थोड़ा भी नही पूरा का पूरा अपने जज्बातों को निचोड़ के बात भी दूँ मैं सब पर ये दुनिया है ये कहाँ इनको समझती। हर किसी को मेरे पीछे लगना है हर किसी को मुझे खुद समझना है चाहता हूँ समझाना में सब की छोड़ दो मुझे अकेला पर ये दुनिया है जो ये सब ना जानती। मैं भाग रहा हूँ अपने आप से जैसे कोई निर्दोष भागे श्राप से ये श्राप तो मै सह भी लूँ कुछ पल यहाँ रह भी लूँ पर ये दुनिया है जो यहाँ रहने नही देती। अपनी उम्मीदों का बोझ मुझ पर डालना इन कँटीली जंजीरों में मुझको पालना हर काम मै उम्मीद से ज्यादा कर दूँ पर ये दुनिया है जो जंजीरें खुलने नही देती। #भाव #विचार #अंतर्द्वंद #nojoto #nojotohindi #कविता