हँसते को हँसता रोते को रोता दिखाता आईना जो जैसा दिखता है हूबहू वैसा दिखाता आईना एक बड़ी खामी तो रही है इस के क़िरदार में के किसी को सच के तराजू में नहीं तौलता आईना अक्स दिखाता है ज़हन के पट नहीं खोलता आईना ओर लोग कहते हैं कि कभी झूठ नहीं बोलता आईना हँसते को हँसता रोते को रोता दिखाता आईना जो जैसा दिखता है हूबहू वैसा दिखाता आईना एक बड़ी खामी तो रही है इस के क़िरदार में कि किसी को सच् के तराजू में नहीं तौलता आईना अक्स दिखाता है ज़हन के पट नहीं खोलता आईना ओर लोग कहते हैं कि कभी झूठ नहीं बोलता आईना