हृदय में समाहित कर लेती है यह स्त्री __ अपनो के द्वारा दिये गये दुःख और पीड़ा को ! सदैव पिरोपती हैं रिश्तों की माला ! कायम रखती हैं परिवार में हरियाली । अत्यधिक अपनो के द्वारा तीखे गए व्यंगों में वह खो देती हैं अपनी सहनशक्ति निकल पड़ते हैं उसके ये अनमोल आंसू #आसूँ #रिश्तोकेदौर #निराशा_मन_की #निराशा_के_अँधेरे_को_रोशन_करता_मन