तुमसे प्यार में अब पहल करने का सोचा है जो दिल में दबा था इश्क़ तेरे लिए, उसे मुक्कमल करने का सोचा है, तू चाहे तो ना कह सकती है, हमने तो तुझे अपनी कलम की ग़ज़ल करने का सोचा है। जो साथ रहे मेरे हमेशा, सुबह की वो पहली किरण करने का सोचा है मुझे पता है मजबूरियां हैं तेरी, मैने तो तेरे साथ खुले आसमान में उड़ने का सोचा है मेरी खुशी,मेरा गम,अब तो सब तेरे हाथ में है, मैने तो तुझे अपनी लकीरों में जगह देने का सोचा है, तू साथ होगी तो जिंदगी जश्न बन जाएगी, हर खुशी हर गम में मुस्कुराएगी,