आग सीने में धधक रही थी । बाहर सिगरेट सुलग रही थी ।। कुछ ख़्वाब थे मेरी चाहतो में हाँ बस तुम्ही तो थे मेरी चाहतो में ।। तुम्हारी याद में अक्सर सिगरेट साथ देती है वो तुम्हारा चेहरा धुंए में बना देती है ।। तुम धुंए में धुंधला सी जाती हो । हकीकत अक्सर ख्वाबों को तोड़ जाती है ।