वो मेरे बचपन में जो पेड दादा जी ने था लगाया खुशी से झूम रहा है। हर गाँव का बच्चा पाकर उसकी निर्मल छाया खुश हो रही होगी ये सब देख दादा जी की काया अपने हिस्से की खुशी को उन्होने आज है पाया गुजारिश है तुमसे एक पेड तुम भी लागाओ भाया........ .................. #जलज_कुमार® #दादा_और_पेड