उनकी हरकतों पर मौन रह हम भी कातिल होते रहें। बड़े ही शौक से बुज़दिलों में हम भी शामिल होते रहें। टोपी, तिलक, खान पान, पोशाक से सब पहचानकर उन जाहिलों की जमात में हम भी दाखिल होते रहें। ✍️"प्रमद" ©️ बन्धु उवाच #Mob #lynching