खामोशी से बड़ा कोई शोर नहीं शोर से बड़ा कोई सन्नाटा कहां तू ढूंढता था मुझे दूर दूर मैं कभी तेरे पास से ही ना गया जर्जर मकानों को कौन पूछता है काफ़िर अब ढहा या कुछ बरस बाद ढहा.... #hashtags