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White उजड़ा जाए मेरा देश ओढ़ आया मानुष दुश्मन का

White उजड़ा जाए मेरा देश 
ओढ़ आया मानुष दुश्मन का भेष
ये पत्ते बिखर गए ये कलियाँ बिखर गयी
जब तहस नहस किया बचा हुआ अवशेष
उजड़ा जाए मेरा देश
मे समझा कर इनसे  हारा
अब कुछ रुंख लगाओ दुबारा
नहीं तो धरा शमशान बने गी दुबारा
ये आवरण बनेगा अंत का परिवेश
 उजड़ा जाए मेरा देश

©Chetram Nagauri
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