अजनवी है हम जिंदगी की राह में, सहिलो ने मेरा कस्ती वदल दिया कमर कश तंज भरे, डगमगाते चले फिर एक दरिया ने रास्ता बदल दिया। ठोकर खाते आगे बढ़े, दटे रहे,पीछे ना मुड़े, और अनुभव हुआ, उसी अनुभव के साथ आगे बढ़े, जब आगे बढ़े तो मैने उन रास्ते को हारा दिया । जब हरा दिए उन रास्ते को, तो रास्ते ने मंजिल का पता दिया।। ©Um€Sh Kum@r #Shayar #thought #Hindi #sahitya