"कुछ यादें" कुछ रंगीन मीठी यादों से पुरदिन सराबोर रहता हूँ रहता हूँ यहीं मगर लोग..कहते हैं कहीं और रहता हूँ रोज चली आती हैं बे-दस्तक मकाँ-ए-दिल में मिरे ये मेहमां चंद पलों की, मैं मेजबां बतौर रहता हूँ कुछ यादें बुज़ुर्गाना ख़ूबसूरत ख़ामोश-तरबियत साँस भी लेता धीमें-धीमें,न मैं कोई शोर करता हूँ आती रात के पहर तो रुकती सहर तलक आँखों में नींद होती नहीं नुमाया,इसलिए नींद का चोर कहता हूँ परबत-गुफाएँ-आसमां, कभी दरिया और समंदर उड़ जाए 'माशारत्ती' हवा में,संग पतंग के डोर रहता हूँ "विजय त्यागी" #yqhindi #yqdidi #yqbaba #यादें #yqquotes #yqbhaijan #माशारत्ती #maasharatti Daljit Singh Kalra अनीता विजयवर्गीय Madhu Jhunjhunwala K.K. Tiwari SHWETA SANJEEV GUPTA