माना इल्म है हमको के हरदम साथ मेरे अब होते नहीं हो तुम, पर तन्हाई में करके याद हमें,क्या रोते नहीं हो तुम!! मैं कतरा-कतरा हर शाम जैसे डूबा करता हूँ, उस तरह कभी मेरी यादों में क्या खोते नहीं हो तुम!! मैं हर रोज सुबह में तेरी जैसे जागा करता हूँ, उस तरह मेरी हर रात में क्या सोते नहीं हो तुम!! फ़िर से तेरी बाहों में बाहें डालने को जी चाहता है, ऐसे ही किसी ख्वाब को कभी खुद में, क्या सँजोते नहीं हो तुम!! मेरे दीदों में तेरे लम्हों की जैसे फ़िल्म चलती है, उस तरह कभी यादों के धागे में, उन पलों के मोतियों को,क्या पिरोते नहीं हो तुम!! मैं तन्हा-तन्हा अक्स में तेरे बहता रहता हूँ "मतवाला", फ़िर सोचता हूँ कि साथ मेरे अब, क्यूँ होते नहीं हो तुम!! #इल्म #याद #मतवाला #मोती #udquotes