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❤️हृदय के मरुस्थल मे ये कैसा बीज बोया है कुछ तो उम

❤️हृदय के मरुस्थल मे
ये कैसा बीज बोया है
कुछ तो उमड़ रहा,
इस जलती तपती रेत में
कुछ तो कल्प रहा,
भवरें इसपे आ रहे
पुष्प कोई तो खिल रहा
हृदय के मरुस्थल में
ये कैसा बीज बोया है।
माली बन रहे हो तो
तोड़ बेच आना मत,
तेज़ चलती धूप में
मुझको मुरझाना मत,
तोड़ना गर कभी तो
तोड़ निज रख लेना,
लेकर गर जाना तो
छोड़ के न आना मत,
हृदय के मरुस्थल में
ये कैसा बीज बोया है।

#कुमार किशन #बीज
❤️हृदय के मरुस्थल मे
ये कैसा बीज बोया है
कुछ तो उमड़ रहा,
इस जलती तपती रेत में
कुछ तो कल्प रहा,
भवरें इसपे आ रहे
पुष्प कोई तो खिल रहा
हृदय के मरुस्थल में
ये कैसा बीज बोया है।
माली बन रहे हो तो
तोड़ बेच आना मत,
तेज़ चलती धूप में
मुझको मुरझाना मत,
तोड़ना गर कभी तो
तोड़ निज रख लेना,
लेकर गर जाना तो
छोड़ के न आना मत,
हृदय के मरुस्थल में
ये कैसा बीज बोया है।

#कुमार किशन #बीज