Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक नए सफ़र में हूँ, तेरे शहर में हूँ। अंधेरों की ग

एक नए सफ़र में हूँ,
तेरे शहर में हूँ।

अंधेरों की गिरिफ्त है,
दीवारों की नज़र में हूँ।

जहन्नुम सी हालत है,
ज़न्नत के मंजर में हूँ।

शोक का समंदर है,
हसरतों की लहर में हूँ।

- मनीष महरानियां #शहर_तेरा
एक नए सफ़र में हूँ,
तेरे शहर में हूँ।

अंधेरों की गिरिफ्त है,
दीवारों की नज़र में हूँ।

जहन्नुम सी हालत है,
ज़न्नत के मंजर में हूँ।

शोक का समंदर है,
हसरतों की लहर में हूँ।

- मनीष महरानियां #शहर_तेरा