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हे!अंनत ज्ञान की देवी,नव पल्लवित सम विवेक दे, उज्ज

हे!अंनत ज्ञान की देवी,नव पल्लवित सम विवेक दे,
उज्जास तेज प्रताप सा बढ़े सुमार्ग ऐसा नेक वर दे,

अनंत की अनुभूति हो,संज्ञान में भी अंनत वृद्धि हो,
हो जाये जग में जगमग किरनपुंज ऐसी राह रंग दे।

अनन्त का संमार्ग मिले  ऐसा ज्ञान ध्यान एकाग्र दे,
नित नित सुमन पुष्प भेंट करूँ, ऐसा मानस को दे,

भारत  भूमि की  धरा धरोहर ऐसा साहित्य रच दे,
विश्व स्तर की शान हो ऐसी हरी भरी भू को कर दे। प्रतियोगिता संख्या #६
नमस्कार लेखकों/कातिबों

1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें।

2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें।

3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
हे!अंनत ज्ञान की देवी,नव पल्लवित सम विवेक दे,
उज्जास तेज प्रताप सा बढ़े सुमार्ग ऐसा नेक वर दे,

अनंत की अनुभूति हो,संज्ञान में भी अंनत वृद्धि हो,
हो जाये जग में जगमग किरनपुंज ऐसी राह रंग दे।

अनन्त का संमार्ग मिले  ऐसा ज्ञान ध्यान एकाग्र दे,
नित नित सुमन पुष्प भेंट करूँ, ऐसा मानस को दे,

भारत  भूमि की  धरा धरोहर ऐसा साहित्य रच दे,
विश्व स्तर की शान हो ऐसी हरी भरी भू को कर दे। प्रतियोगिता संख्या #६
नमस्कार लेखकों/कातिबों

1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें।

2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें।

3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।