सन्नाटा बयां करता है कितना सुनसान है, दिल का शहर ना उम्मीद, ना रहगुज़र, ना हमसफ़र बस, आती-जाती सांसों पर हो रही बसर ©Reema K Arora #khoj #Khudki #shayri #copyright